High court big decision on kejriwal remanded
अतिसी प्रेस को सुना रही थी पूरी दुनिया को सुना रही थी
खास बात है कि अरविंद केजरीवाल के स्थिति में उनका ही खुद हस्ताक्षर नहीं था
हालांकि वह जेल में अभी नहीं है एड के डिमांड में है अभी-अभी जेल तो नहीं गए हैं लेकिन लेकिन उन्हें कैसे पता चल रहा है कि दिल्ली के किन-किन इलाकों में पानी और सीवर की दिक्कत हो रही है वह तो जेल में है सूत्रों के
मुताबिक आईडी ने पूरी मामले की जांच शुरू करती हैऔर इसमें तीन नई बड़ी बातों की खुलासा हुआ है पहली बात यह पता चली एड मुख्यालय में सरकार से संबंधित किसी फाइल को अंदर नहीं ले जाया जा सकता है कैसे पता चला दिल्ली के सरकारी अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त दवाइयां खत्म हो रही है डिमांड में केजरीवाल हर रोज शाम 7:00 बजे सिर्फ अपने वकील और अपने परिवार से मिल सकते हैं
एक शिकायत भेजी गई है जिसमें लिखा है की की इस देश में किसी भी व्यक्ति को रिमांड में रहते हुए कोई भी सरकारी आदेश जारी करने या किसी तरह के चिट्ठी लिखने की इजाजत नहीं है इस मामले में केजरीवाल ऐसा नहीं कर सकते लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्रियों का दावा है कि अरविंद केजरीवाल अभी रिमांड में रहते हुए अपनी सरकार चला रहे हैं और यह दावा कर रहे हैं ऐसा की पार्टी में आम आदमी पार्टी की सरकार बर्खास्त भी हो सकती है लोग अभी यह बात पूछ रहे हैं तो अगर अपने मन में भी यह बात है कि क्या अरविंद केजरीवाल की सरकार पर c[kZr हो सकती है मैं संवैधानिक रूप से संविधान के हिसाब से तो यह उनका जवाब है या भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239A मैं यह बताया बताया गया है कि दिल्ली के केंद्र शासित प्रदेश है इसमें कहते हैं 239AA इसमें मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए यह बिल्कुल प्रावधान है केंद्र शासित प्रदेश है जहां दिल्ली सरकार के शासन में सब संदर्भ में अलग-अलग अधिकारी और सत्य दी गई है संवैधानिक शक्तियां लेकिन इसी अनुच्छेद में खंड Ab में उप राज्यपाल को यह अधिकार दिया गया है कि वह विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रपति को दिल्ली से अनुच्छेद 239 AA को हटाने का अनुरोध कर सकते है अगर राष्ट्रपति अनुरोध को स्वीकार कर लेते हैं तो इससे दिल्ली की सरकार बर्खास्त हो सकती है और उपराज्यपाल को दिल्ली के शासन के जिम्मेदारी मिल सकती है अभी दिल्ली में ऐसे ही परिस्थितियों बनती हुई दिखाई देती है दिल्ली में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अलग-अलग मंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम पर से जो आदेश लागू करवा रहे हैं अरविंद केजरीवाल ने ही दिए हैं या नहीं
और यह एक एक ऐसी स्थिति है जिसमें मुख्यमंत्री को मिलने वाले अधिकारों और उनके संवैधानिक शक्तियों को दुरु योग आशंका भी बन सकती है और यह आशंका ऐसी है कि इनमें उपराज्यपाल और राष्ट्रपति से दिल्ली की सरकार के खिलाफबर्खास्त की सिफारिश करने की एक बड़ी वजह मिल सकती है और अगर ऐसा हुआ तो और केजरीवाल की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती है वह जेल के अंदर भी रहेंगे और सरकार भी चली जाएगी और यह इसलिए मैं ऐसा कह रहा हूं कि सरकार पर खास होने की स्थिति में अरविंद केजरीवाल दिल्ली में नई सरकार का गठन और नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने का अधिकार खो देंगे और इसलिए अब इनके पास सबसे अच्छा विकल्प है यह है कि वह ऐसा कोई स्थिति के बनने से पहले यानी इससे पहले की उनकी सरकार बर्खास्त हो जाए या उन्हें उनके पद से हटा दिए जाएं और फिर उनके पास या विकल्प भी ना रहे कि वह अपनी मर्जी से किसी ने मुख्यमंत्री का नियुक्त भी कर सके इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे देना चाहिए और किसी और को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए और इस समय उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल सबसे बेहतरीन उम्मीदवार उनके लिए हो सकती है वह अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को भी चुन सकते हैं जो केजरीवाल की वजह एक रिटायर IRS की जगह मुख्यमंत्री बन सकती है
और सुनीता केजरीवाल एक रिटायर IRS अफसर है और उन्हें है भी 20 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव है आज बहुत सारे लोग इस बात को भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जो अरविंद केजरीवाल नैतिकता और बड़ी-बड़ी बातें करते थे वहीं आज भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद भी मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं और यह इस्तीफा देने के नाम नहीं ले रहे हैं जबकि इस देश में आज तक कोई भी मुख्यमंत्री रहते हुए कोई भी नेता अगर अरेस्ट हुआ है तो उसे इस्तीफा दिया है अब आप थोड़े दिन पहले ही हेमंत सोरेन को आप देख लीजिए हेमंत सोरेन को भी ठीक इसी तरह एड ने अरेस्ट किया लेकिन उन्होंने भी इससे पहले इस्तीफा दे दिया था लेकिन केजरीवाल कुर्सी से चिपके हुए हैं इसका एक कारण यह है कि
1.अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया तो इसके बाद
उन्होंने दिल्ली का मुख्यमंत्री आवास भी खाली करना पड़ेगा जिस पर लगभग 50 करोड रुपए का खर्च हुआ है और यह सरकारी बंगला एक शानदार महल है में तब्दील हो गया था इसमें आज केजरीवाल रहते हैं और आज अगर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया तो उन्होंने और उनके परिवार को यह महल जैसा घर खाली करना पड़ेगा और इसलिए आज हम कर रहे हैं कि इनके लिए अच्छा होगा कि वह अपनी पत्नी का नियुक्त कर दे अगला मुख्यमंत्री ताकि यह घर उनका बच सके क्योंकि पत्नी अगर रहेगी तो मकान भी उनका बच्चा रहेगा इसलिए अलावा अरविंद केजरीवाल की इस्तीफा नहीं देखने के पीछे तीन बड़ी वजह है यह राजनीतिकरण है इसकी राजनीतिक सुनिए क्या कहती है पहली वजह यह है कि अगर अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दे दिया तो इससे बीजेपी का फायदा हो सकता है और बीजेपी यह बताने की कोशिश करेगी कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है और इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा यह सबूत है कि उन्होंने मान लिया कि वह भ्रष्टाचार से लिपट है
2.दूसरा दिल्ली सरकार का कार्यकाल अब सिर्फ 11 महीना का बच्चा है
दूसरा दिल्ली सरकार का कार्यकाल अब सिर्फ 11 महीना का बच्चा है ध्यान दीजिएगा आप इस बात पर कार्यकाल इस सरकार का सिर्फ 11 महीने का बच्चा है और उसमें भी अगर लोकसभा और विधानसभा के दौरान लागू होने वाली आचार संहिता का समय हटा दिया जाए तो मुश्किल से मुश्किल दिल्ली में केजरीवाल की सरकार के पास 6 महीने का समय बचते हैं काम करने के लिए सिर्फ 6 महीने और केजरीवाल इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर उनकी जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाया गया तो सिर्फ फरवरी 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर होंगे और केजरीवाल ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे और
3. तीसरी बात केजरीवाल यह भी जानते हैं कि उप राज्यपाल ने उनकी सरकार को बर्खास्त किया तो
तीसरी बात केजरीवाल यह भी जानते हैं कि उप राज्यपाल ने उनकी सरकार को बर्खास्त किया तो आने वाले चुनाव में उन्हें लोगों की सहानुभूति मिलेगी और यह लोगों से यह कह पाएंगे कि उप राज्यपाल ने बीजेपी के कहने पर लोगों की चुनी हुई सरकार को हटा दिया यह बताएंगे कि कैसे हमारे पास 70 से 62 विधायक थे इतनी जबरदस्त बहुमत के बावजूद हम जब चुनकर आए तो कैसे हमारे सरकार को पहले केजरीवाल को अरेस्ट किया और फिर सरकार को बर्खास्त कर दिया यानी एक नहीं बल्कि दो दो कारण मिल जाएंगे सहानुभूति के तो अगर इस हिसाब से देखे तो केजरीवाल बिल्कुल इस्तीफा नहीं देंगे और वह इंतजार करेंगे कि दिल्ली के उपराज्यपाल उनकी सरकार को बर्खास्त करें शायद वह खुद भी यही चाहते होंगे कि उनकी सरकार बर्खास्त हो जाए ताकि लोगों को सहानुभूति उनके सामने उनके साथ आ जाए लेकिन वह यह भी जानते हैं कि जब मनीष सिसोदिया गिरफ्तार हुए थे तो उसे दिन बहुत हल्ला मचा था कुछ दिन तक हेडलाइन बनी लेकिन आज लोग मनीष सिसोदिया को भी भूल चुके हैं और ऐसा ही केजरीवाल के साथ भी हो सकता है आज हर जगह उनके बारे में बात हो रही है लेकिन
धीरे-धीरे जब कुछ हफ्ते बीत जाएंगे कुछ समय बीत जाएगा लोग भूल जाएंगे लोग आगे बढ़ जाएंगे या जबकि उनकी पार्टी के अपने नेता भी आगे बढ़ सकते हैं और जो धक्का लगा है केजरीवाल ने सोचा था कि जब उनकी गिरफ्तारी होगी तो दिल्ली की जनता सड़कों पर आ जाएगी दिल्ली की जनता विरोध प्रदर्शन करेगी और दिल्ली में हाहाकार मत जाएगा ऐसा उन्होंने उम्मीद की थी लेकिन दिल्ली की जनता अपने घरों में से बाहर नहीं निकाली और केजरीवाल इस चीज को लेकर भी इस बात को लेकर बड़े निराशा है कि वह दिल्ली की जनता जिसे मुफ्त पानी दिया जाए बिजली इतनी तरह की योजनाएं थी वेलफेयर स्कीम दिए बहुत सारी चीज की जिनके लिए आज वही दिल्ली के लोग अपने घरों से बाहर तक नहीं निकले जब केजरीवाल अरेस्ट हुए हालांकि आज इस राजनीतिक ट्रेंड में नैतिक की बात करना भी बहुत जरूरी है नैतिक भी एक चीज होती है जिसे केजरीवाल शायद भूल चुके हैं
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